बुद्धिमत्ता  

भगवद गीता पढ़ने से व्यक्ति के अन्दर आध्यात्मिक ज्ञान जागृत होता है, जो व्यक्ति को सही और गलत में अंतर करना सिखाता है 

          स्पष्टता

भगवद गीता पढ़ने से व्यक्ति को अपने जीवन के मूल उद्देश्यों, कर्तव्यों और आंतरिक संघर्षों को दूर करने के लिए स्पष्टता आती है।

              अनुशासन  

यह व्यक्ति को आत्म-नियंत्रण करना सिखाती है जिससे वह अपने मानसिक विचारों और शारीरिक व्यहवारों को नियंत्रित रखे।

यह व्यक्ति को निष्काम कर्म कि शिक्षा देती है जिससे व्यक्ति भावनात्मक रूप से स्थिर होता है मोह माया से दुरी बना कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है 

        वैराग्य 

यह व्यक्ति को निष्काम कर्म कि शिक्षा देती है जिससे व्यक्ति भावनात्मक रूप से स्थिर होता है मोह माया से दुरी बना कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है 

                   शांति  

भगवत गीता व्यक्ति को सांसारिक लालच, अहँकार, इच्छा से मुक्त करते हुए भगवान् के तरफ समर्पण कि ओर ले जाती है 

                    शक्ति

भगवत गीता कठिन परिस्थितियों   में व्यक्ति के अन्दर भगवान् का      सहारा प्रदान  करते   हुए   उसमे आतंरिक शक्ति को उजागर कराती है

      ध्यान केन्द्रित करना  

यह व्यक्ति को ध्यान केन्द्रित करना सिखाती है जिससे व्यक्ति बाहरी समस्यायों से विचलित नहीं होता और लक्ष्य प्राप्त करता है

              कर्म

भागवत गीता कर्म योग को सिखाती है सत्कर्म करने के लिए प्रेरित करती है जैसा कर्म उसका वैसा फल  

      निराशा से बाहर        निकलना

गीता जीवन के प्रति पाजिटिव दृष्टिकोण प्रदान कर मानसिक तनाव और निराशा से बाहर लाती है।

     मुक्ति  

जीवन का लक्ष्य मुक्ति है इस लिए इश्वर को प्राप्त करते हुए जीवन मृत्यु के बंधन से मुक्त होने के लिए प्रेरित कराती है