शमशान भूत, प्रेत, आत्माओं का स्थान माना जाता और श्य्मसान में भगवान शिव अघोर स्वरुप में निवास करते है।
भगवान् शिव सभी जीवों एवं आत्माओं के जीवन से परे है इस लिए इनको भूतनाथ कहा जाता है।
भूत प्रेत आत्माएं जिनको कोई स्वीकार नहीं करता शिव उनको भी किना किसी पक्षपात के स्वीकार करते है
भूत प्रेत पिचास गण या अन्य रहस्यमय प्राणी भगवान् शिव को अपना आराध्य मनाते है इस लिए ये सभी भूतों के भगवान् है।
शिव, जीवन और मृत्यु दोनों के पर शासन करते है इस लिए ये जीवन मृत्यु से परे है।
शिव भूत भयंकर बनके यह दिखाते है कि ये सब मेरे ही गण है इस लिए मनुष्य को डरना नहीं चाहिए।
भूतनाथ के रूप में शिव को पूजने से भूत-प्रेत आत्माओं से डर समाप्त होते है।
भगवान् शिव जीवन और मृत्यु के बिच फसी आत्माओं कि रक्षा करते है उन्हें तकलीफ से मुक्ति दिलाते है।
आत्माओं का जुड़ाव भौतिक दुनिया से नहीं होता है और शिव कि भौतिकता से दूर वैराग्य के रूप में जाना जाता है ।
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