अभी एक न्यूज निकलकर सामने आया है की झारखंड में शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव आने वाला है। Jharkhand JTET (झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा) 2025 के आयोजन से राज्य में लगभग 41,000 सहायक आचार्य (Assistant Teacher) पदों पर नियुक्ति का रास्ता खुलेगा।
राज्य सरकार ने इस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए नई JTET नियमावली तैयार की है, जिसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मंजूरी के लिए भेजा गया है।
मुख्यमंत्री की स्वीकृति मिलने के बाद इसे कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा और परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी झारखंड अधिविद्य परिषद (JAC) को सौंपी जाएगी। इस प्रक्रिया से राज्य के सरकारी स्कूलों में लंबे समय से खाली पड़े सहायक आचार्य पद भरने में मदद मिलेगी।
मौजूदा भर्ती प्रक्रिया और रिक्त पदों की स्थिति
वर्तमान में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने आयोग के माध्यम से 26,001 सहायक आचार्य पदों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इसमें इंटर प्रशिक्षित और स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य दोनों शामिल हैं।
- गणित, विज्ञान और भाषा विषयों का परिणाम पहले ही जारी किया जा चुका है।
- सामाजिक विज्ञान (Social Science) विषय का परिणाम अभी बाकी है।
जारी परिणामों के अनुसार, लगभग 17,000 पद रिक्त रहेंगे। इन पदों के लिए अगले चरण में भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। इसके बाद शेष 23,999 पदों के लिए Jharkhand JTET के माध्यम से नियुक्ति होगी। कुल मिलाकर झारखंड सरकार ने 50,000 सहायक आचार्य पद सृजित किए हैं।
नई Jharkhand JTET नियमावली: मुख्य बदलाव
नई Jharkhand JTET नियमावली में परीक्षा के सिलेबस और संरचना के साथ-साथ पासिंग क्राइटेरिया में भी बदलाव किया गया है।
NCTE मानकों के अनुसार सिलेबस
- परीक्षा का सिलेबस और कठिनाई स्तर अब राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) के अनुसार तय किया गया है।
प्रश्नपत्र की कठिनाई स्तर
- 2019 की नियमावली की तुलना में प्रश्नपत्र को अपेक्षाकृत आसान बनाया गया है।
खंडवार उत्तीर्ण होने की अनिवार्यता हटाई गई
- अब उम्मीदवार को प्रत्येक खंड में पास होने की आवश्यकता नहीं होगी, केवल कुल अंक पर्याप्त होंगे।
समिति की सिफारिशें
- नियमावली का ड्राफ्ट 5 सदस्यीय समिति द्वारा तैयार किया गया।
- झारखंड अधिविद्य परिषद, JSSC और जिला शिक्षा पदाधिकारियों से सुझाव लिए गए।
भाषा नीति में कोई बदलाव नहीं
नई JTET नियमावली में जिलावार जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
- उम्मीदवारों को उसी भाषा में परीक्षा देनी होगी, जो संबंधित जिले के लिए पहले से निर्धारित है।
- यह नीति पहले से कार्मिक विभाग द्वारा तय की गई है और शिक्षा विभाग इसे बदल नहीं सकता।
हाईकोर्ट का आदेश और सरकार की जिम्मेदारी
झारखंड उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि 31 मार्च 2025 तक JTET परीक्षा आयोजित होनी चाहिए।
- कोर्ट ने मौजूदा भर्ती प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई है।
- अब सरकार को नई नियमावली को कैबिनेट से मंजूरी दिलाकर परीक्षा की अधिसूचना समय पर जारी करनी होगी।
यह आदेश उम्मीदवारों और शिक्षकों दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। उम्मीदवारों को परीक्षा की तिथि का इंतजार है और सरकार पर समयसीमा के भीतर प्रक्रिया पूरी करने का दबाव है।
Jharkhand JTET से उम्मीदवारों पर प्रभाव
41,000 पदों पर सीधी भर्ती: JTET पास करने वाले उम्मीदवारों को 41,000 से अधिक पदों पर नियुक्ति का मौका मिलेगा।
पारदर्शी प्रक्रिया: परीक्षा NCTE मानकों पर आधारित होगी और पूरी तरह पारदर्शी होगी।
शिक्षा क्षेत्र में सुधार: लंबे समय से खाली पड़े पद भरने से झारखंड के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी।
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निष्कर्ष
झारखंड में शिक्षा क्षेत्र और बेरोजगार युवाओं के लिए Jharkhand JTET 2025 बेहद अहम साबित होगी। नई नियमावली से उम्मीदवारों के लिए परीक्षा आसान और पारदर्शी होगी। अगर सरकार समय पर परीक्षा कराती है, तो हजारों युवाओं का शिक्षक बनने का सपना जल्द ही साकार हो सकेगा।
जागरण न्यूज के अनुसार सबकी निगाहें अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी कैबिनेट के फैसले पर टिकी हैं। राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मज़बूत बनाने और हजारों उम्मीदवारों को रोजगार देने के लिए JTET का आयोजन समय पर होना अनिवार्य है।