वाराणसी, 14 सितम्बर 2025।
वाराणसी की राजनीति में समाजवादी पार्टी लगातार अपनी पकड़ मजबूत कर रही है। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के जिला सचिव धर्मेंद्र यादव सिंटू ने रविवार को लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की। यह मुलाकात संगठन के भीतर एक अहम राजनीतिक घटनाक्रम के रूप में देखी जा रही है।
पूर्वांचल पर सपा की नज़र
उत्तर प्रदेश की राजनीति में पूर्वांचल हमेशा निर्णायक भूमिका निभाता रहा है। वाराणसी, गाज़ीपुर, जौनपुर और मिर्जापुर जैसे ज़िलों में समाजवादी पार्टी की पकड़ परंपरागत रूप से मजबूत मानी जाती है। ऐसे में वाराणसी के जिला सचिव धर्मेंद्र यादव सिंदू की सक्रियता और उनका नेतृत्व, पार्टी के लिए पूर्वांचल में नई ऊर्जा का संचार कर सकता है।
संगठन को धार देने में जुटे सिंटू
जिला सचिव के रूप में धर्मेंद्र यादव सिंटू लंबे समय से वाराणसी और पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी के संगठन को सक्रिय और मजबूत करने का काम कर रहे हैं। वे लगातार गांव-गांव, मोहल्लों और शहर की बस्तियों में जाकर जनता से संवाद कर रहे हैं। इस मुलाकात में उन्होंने अखिलेश यादव को जमीनी हालात और जनसमर्थन की स्थिति से अवगत कराया।
2027 विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा
बैठक के दौरान आगामी विधानसभा चुनाव 2027 को लेकर गहन चर्चा हुई। अखिलेश यादव ने साफ संकेत दिए कि समाजवादी पार्टी इस बार पूरी तैयारी और दमखम के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी।
धर्मेंद्र यादव सिंटू ने संगठन की ओर से चलाए जा रहे जनसंपर्क अभियानों, कार्यकर्ताओं की सक्रियता और जनता के मुद्दों पर पार्टी के रुख की विस्तृत जानकारी दी।
धर्मेंद्र यादव सिंटू ने कहा कि—
“प्रदेश की जनता अब बदलाव चाहती है और समाजवादी पार्टी ही वह विकल्प है जो जनता की उम्मीदों पर खरी उतर सकती है।”
पीडीए (PDA) का चुनावी मंत्र और भविष्य की दिशा
सपा के लिए, ‘पीडीए’ (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) का समीकरण एक महत्वपूर्ण चुनावी रणनीति रही है, और यह मुलाकात इसी समीकरण को और मज़बूत करने की दिशा में एक कदम के रूप में देखी जा रही है। धर्मेंद्र यादव सिंटू की अखिलेश यादव से यह मुलाकात न सिर्फ एक शिष्टाचार भेंट थी, बल्कि इसे पार्टी के भीतर एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना के रूप में भी देखा जा रहा है, जो आने वाले समय में पार्टी की संगठनात्मक रणनीति और नेतृत्व की दिशा को प्रभावित कर सकती है।
इस
कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने पर विशेष जोर
अखिलेश यादव ने भी स्पष्ट किया कि पार्टी अब बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने पर फोकस कर रही है। उन्होंने जिला सचिव धर्मेंद्र यादव सिंटू की मेहनत और सक्रियता की सराहना करते हुए संगठनात्मक मजबूती को और बढ़ाने की बात कही।
राजनीतिक महत्व
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि धर्मेंद्र यादव सिंटू और अखिलेश यादव की यह मुलाकात सिर्फ शिष्टाचार भेंट नहीं थी, बल्कि इसमें 2027 चुनाव की ठोस रूपरेखा तैयार की गई है।
वाराणसी जैसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील जिले के जिला सचिव की यह सक्रियता समाजवादी पार्टी की रणनीति को नई ऊर्जा और दिशा दे सकती है।
आप इसे भी पढ़े>Alert_Digital Swaraj Mission: GTRI की रिपोर्ट में अमेरिकी तकनीक पर निर्भरता से भारत की डिजिटल संप्रभुता पर खतरा
जनता में बढ़ रहा विश्वास
धर्मेंद्र यादव सिंटू लगातार जनसंपर्क के जरिए यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि समाजवादी पार्टी ही जनता की आवाज़ को उठाने में सक्षम है। उनका कहना है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और किसानों के मुद्दों को लेकर जनता सपा पर भरोसा कर रही है।
निष्कर्ष
धर्मेंद्र यादव सिंटू की यह मुलाकात इस बात का संकेत है कि समाजवादी पार्टी आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अब किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरत रही है। संगठन को मजबूती, कार्यकर्ताओं की सक्रियता और जनता के बीच मजबूत पकड़ ही पार्टी की सबसे बड़ी ताकत होगी।
जिला सचिव के रूप में सिंटू की सक्रिय भूमिका न केवल वाराणसी बल्कि पूरे पूर्वांचल में पार्टी की रणनीति को धार देने में अहम साबित हो सकती है।